दिल्ली एयरपोर्ट पर न्यूक्लियर बम की धमकी

दिल्ली एयरपोर्ट पर न्यूक्लियर बम की धमकी, पुलिस ने दो लोगों को किया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर न्यूक्लियर बम ले जाने की धमकी देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने सुरक्षा जांच के दौरान धमकी दी थी कि वो न्यूक्लियर बम ले कर जा रहे हैं. इसके बाद फ्लाइट में अफरा-तफरी मच गई.

दिल्ली पुलिस ने इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर न्यूक्लियर बम ले जाने की धमकी देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने सुरक्षा जांच के दौरान धमकी दी थी कि वो न्यूक्लियर बम ले कर जा रहे हैं. इसके बाद फ्लाइट में अफरा-तफरी मच गई. आनन-फानन में दोनों यात्रियों को नीचे उतारा गया. इसके बाद उन दोनों को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया.

जानकारी के मुताबिक, ये सनसनीखेज घटना 5 अप्रैल को हुई. उस वक्त गुजरात के राजकोट के रहने वाले जिग्नेश मालानी और कश्यप कुमार लालानी अहमदाबाद जाने वाली फ्लाइट में चढ़ने से पहले सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा तलाशी लिए जाने पर नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि जब उनकी सुरक्षा जांच पहले हो गई है, तो दोबारा क्यों की जा रही है. उन्होंने इस पर आपत्ति जताई. इसके बाद दोनों ने सुरक्षा कर्मचारियों से पूछा, “यदि मैं परमाणु बम ले जाऊं तो आप क्या करेंगे?” इतना सुनते ही वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उसे पकड़ लिया, उसे फ्लाइट से नीचे उतार कर पुलिस के हवाले कर दिया. उन दोनों के खिलाफ केस भी दर्ज करा दिया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मालानी और लालानी को गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि वे खतरा पैदा कर रहे थे.

पुलिस उपायुक्त (आईजीआई एयरपोर्ट) उषा रंगानी ने कहा कि इस मामले की जांच से पता चला है कि दोनों आरोपी निर्माण क्षेत्र में ठेकेदार हैं. उन्होंने कहा, “वे खरीदारी के संबंध में एक व्यापारिक सहयोगी से मिलने के लिए दिल्ली के द्वारका गए थे. एयरपोर्ट प्रशासन की शिकायत के आधार पर उन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था. फिलहाल वे दोनों जमानत पर रिहा कर दिए गए हैं.”

बताते चलें कि पिछले महीने मार्च में भी दिल्ली एयरपोर्ट पर बम के अफवाह की घटना सामने आई थी. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया था, जिसने फ्लाइट में बम होने की अफवाह फैलाई थी. इसके लिए उसने एक फर्जी ई-मेल किया था. उसने ऐसा इसलिए किया ताकि वो फ्लाइट रद्द हो जाए और उसका साला कोलकाता न पहुंच सके.

आरोपी मोहम्मद नजरूल इस्लाम ने अपनी पत्नी से झूठ बोलकर शादी की थी. वो नहीं चाहता था कि उसका सच उसके साले के सामने आए और उसकी पोल खुल जाए, 27 फरवरी को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट सिक्योरिटी को एक ई-मेल मिला था. उसमें लिखा था कि दिल्ली से कोलकाता आने वाली फ्लाइट में एक यात्री विस्फोटक पदार्थ लेकर चढ़ चुका है.

इस ई-मेल के मिलते ही एयरपोर्ट सिक्योरिटी सतर्क हो गई. इस तरह की ई-मेल या कॉल के बाद एक स्टैंडर्ड प्रोसीजर होता है, उसे अपनाने के बाद ही फ्लाइट भेजी जाती है. इसलिए फ्लाइट के यात्रियों और उनके पूरे बैग की जांच की गई. इस मामले की दिल्ली पुलिस को भी जानकारी दी गई. पूरी जांच के बाद जब कॉल हॉक्स साबित हो गई तो उस फ्लाइट को जाने दिया गया.

आईजीआई थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके इस मामले की जांच शुरू कर दी. सबसे पहले पुलिस ने उन यात्रियों की सूची बनाई जिनकी फ्लाइट छूट गई थी. लेकिन पुलिस को यहां से कोई लीड नहीं मिली. इसके बाद पुलिस ने उस ई-मेल को ट्रैक करना शुरू किया, जो भेजा गया था. इससे पता लगा कि ये ई-मेल कोलकाता के एक होटल के वाई-फाई से भेजा गया है.

इसके बाद पुलिस की टीम तुरंत कोलकाता पहुंची. वहां जाकर पता लगा कि चालीस मेहमान थे और सभी बांग्लादेशी नागरिक थे. इसके आगे पुलिस की जांच तब रुक गई जब इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर ने होटल मेहमानों द्वारा उनके इंटरनेट इस्तेमाल के डाटा को अलग कर पाने में असमर्थता जता दी. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने तमाम 40 बांग्लादेशी नागरिकों की लिस्ट बनाई.

सबको वेरीफाई करना शुरू किया. इसी दौरान दिल्ली पुलिस के हाथ सबसे बड़ी लीड तब लगी जब पता लगा कि इस दिल्ली कोलकाता फ्लाइट से अमरदीप नाम का एक शख्स कोलकाता पहुंचा और फिर इस होटल में आकर उसने नजरुल इस्लाम नाम के एक बांग्लादेशी नागरिक से मुलाकात की थी. वो उस होटल में एक महीने से रुका हुआ था. पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था.

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