सेल्फ-स्टडी से सफलता की कहानी: चंद्रप्रकाश सुवासिया का प्रेरणादायक सफर
चंद्रप्रकाश सुवासिया, एक नाम जो सहनशीलता और दृढ़ता की चमक लेकर आता है, बरमेर के छोटे शहर से है। उनका यह सफर, निर्धन परिवार से लेकर आईएएस अधिकारी बनने तक, अत्याधुनिक है।
एक साधारण परिवार में जन्मे, चंद्रप्रकाश ने बरमेर के स्थानीय स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की, फिर इंजीनियरिंग की दुनिया में कदम रखा। 2021 में आईआईटी धनबाद से स्नातक करके, वह स्व-अध्ययन के जादू में सिविल सेवा के सफर पर निकले।
पहले हार का सामना करने के बावजूद, चंद्रप्रकाश की अथक मेहनत ने किया कमाल। पैंडेमिक के चुनौतियों के बीच रोजाना 6 से 8 घंटे की पढ़ाई के बीच, उन्होंने दूसरे प्रयास में अपना लक्ष्य हासिल किया, जिससे स्पष्ट होता है कि सफलता केवल मेहनत से ही संभव है।
चंद्रप्रकाश की विशेषता यहाँ यह है कि उन्होंने महंगी कोचिंग की बजाय अपनी अथक मेहनत का सहारा लिया। उनकी सफलता को उनके दोस्तों और परिवार के साथी का साथ मिला, जो उन्हें हमेशा प्रेरित किया।
उनकी कहानी एक आशा की ज्योति है, जो कई युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए साहसी बनाती है। हिमाचल प्रदेश में प्रशिक्षण के लिए तैयार होते समय, चंद्रप्रकाश आज भी अनगिनत लोगों को अपने सेल्फ-स्टडी से सफलता की प्रेरणा दे रहे हैं