सरकार और ट्रांसपोर्टरों के बीच हड़ताल खत्म होने पर ऐसे बनी बात, जानिए क्या रही दलीलें और किन मुद्दों को लेकर है विरोध
सरकार के आश्वासन के बाद ‘हिट-एंड-रन’ के नए कानून के खिलाफ हड़ताल कर रहे ट्रक ड्राइवरों ने अपना प्रदर्शन वापस ले लिया है. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मंगलवार को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस से विचार विमर्श करने के बाद ही कानून के बारे में निर्णय लिया जाएगा.
हिट एंड रन मामले में सख्त कानून के खिलाफ जारी ट्रक ड्राइवरों की देशव्यापी हड़ताल खत्म हो गई है. गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद ट्रांसपोर्टरों ने इसे खत्म करने का फैसला लिया. मंगलवार शाम को केंद्रीय गृहसचिव ने अजय भल्ला ने कहा कि फिलहाल कानून को लागू नहीं किया जाएगा. इस हड़ताल के खत्म होने से लोगों को बड़ी राहत मिली है क्योंकि इसकी वजह से कई राज्यों में सप्लाई चेन बुरी तरह बाधित हुई थी और कई जगहों पर पेट्रोल और डीजल की किल्लत हो गई थी.
कैसे बनी सहमति
हड़ताल के बाद जब देशभर से लोगों की दिक्कतें बढ़ने लगी तो सरकार तुरंत हरकत में आई और गृह सचिव ने मंगलवार को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की अजय भल्ला ने कहा, ‘सरकार यह बताना चाहती है कि ये नए कानून और प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं. गृह सचिव अजय भल्ला ने बताया कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस से दस साल की सजा वाले कानून पर चर्चा हुई. ये कानून अभी लागू नई हुआ है. उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता के मसले पर हमारी मुलाकात और बातचीत हुई, अब हमें कोई दिक्कत नहीं है. सारे मसलों का समाधान हो गया है.
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने आंदोलनकारी ट्रक चालकों के प्रतिनिधिमंडल को यह भी आश्वासन दिया है कि वह हिट-एंड-रन मामलों से संबंधित एक नए दंड प्रावधान पर उनकी सभी चिंताओं पर “खुले दिल” से विचार करने के लिए तैयार है.
बैठक में क्या थी दोनों पक्षों की दलील ट्रांसपोर्टर
1. ट्रासपोर्टरों का मानना था कि कानून बेहद सख्त है इससे ट्रक ड्राइवर बुरी तरह प्रभावित होंगे.
2. जानबूझकर कोई भी एक्सीडेंट नहीं करता है और मौके पर अगर ड्राइवर पीड़ित की मदद करने रुकता है तो भीड़ उसपर जानलेवा हमला कर सकती है.
3. इस केस की वजह से कानूनी प्रक्रिया काफी लंबा और परेशान करने वाली हो सकती है. जो जुर्माना 7 लाख का है वो ट्रक ड्राइवर के लिए काफी ज्यादा है.
4. कई बार कोहरे या मौसम संबंधी अन्य कारणों की वजह से भी एक्सीडेंट होते हैं.
सरकार की दलील
1. इस कानून को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के मुताबिक बनाया है.
2. यदि कोई हादसा होता है और मौके पर ही घायल की मदद की जाती है तो 80 फीसदी घायलों की जान बच जाती है.
3. वाहन चालक जिम्मेदार बनें और यदि उन्हें घटनास्थल पर हिंसा का डर है तो वह कुछ दूर जाकर पुलिस-प्रशासन को सूचना दे सकते हैं.
4. सरकार ने दलील दी की इस कानून में पुलिसया मनमानी पर भी रोक के प्रावधान हैं.