दिल्‍ली से देहरादून 2.30 घंटे में, जंगल के ऊपर से गुजरेगा रास्‍ता, हरिद्वार और मसूरी जाना भी आसान

राजधानी दिल्‍ली से देश के अन्‍य बड़े शहरों को जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है. इस कड़ी दिल्‍ली से देहरादून के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा, जिसका निर्माण अब अंतिम चरण में है. इस एक्‍सप्रेसवे के तैयार होने के बाद दिल्‍ली से देहरादून जाने में सिर्फ ढाई घंटे का समय लगेगा.

दिल्‍ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर (Delhi-Dehradun Economic Corridor) की कुल लंबाई 210 किलोमीटर है. अभी दोनों शहरों के बीच की दूरी करीब 249 किलोमीटर है, जिसे तय करने में करीब 6 घंटे का समय लगता है. एक्‍सप्रेसवे तैयार होने के बाद इस दूरी को तय करने में सिर्फ 2.30 घंटे लगेंगे.

भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस कॉरिडोर को 2023 के आखिर तक शुरू करने का लक्ष्‍य रखा है. फिलहाल NHAI ने 13 दिसंबर को एक ट्वीट कर बताया है कि कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है और इसे जल्‍द ही खोल दिया जाएगा. इस ग्रीन कॉरिडोर के बनने से दिल्‍ली, यूपी और उत्‍तराखंड राज्‍य को सीधे तौर पर फायदा होगा. सबसे ज्‍यादा लाभ यूपी के करीब 6 बड़े शहरों को होगा. इसमें मुजफ्फरनगर, शामली, यमुनानगर, बागपत, मेरठ और बड़ौत शामिल हैं. इसके अलावा उत्‍तराखंड की धार्मिक नगरी हरिद्वार को भी नए एक्‍सप्रेसवे से काफी फायदा होगा.

NHAI का अनुमान है कि इस एक्‍सप्रेसवे को तैयार करने में करीब 13 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी. 6 लेन के इस कॉरिडोर पर रोजाना 20 से 30 हजार वाहनों के गुजरने का अनुमान है. इस कॉरिडोर को दिल्‍ली से सहारनपुर के रास्‍ते देहरादून से जोड़ा जाएगा.

इस कॉरिडोर का चौथा फेज उत्‍तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क से देहरादून के बीच बनाया जा रहा है. इसके लिए जंगल के बीच एनिमल कॉरिडोर बनाने के साथ करीब 20 किलोमीटर की एलीवेटेड रोड तैयार की गई है. इतना ही नहीं जंगल में 2 किलोमीटर की टनल भी बनाई गई है.

इस ग्रीन कॉरिडोर में बारिश के पानी को इकट्ठा करने का पूरा जुगाड़ किया गया है. एक्‍सप्रेसवे के हर 500 की दूरी पर रेनवॉटर हार्वेस्टिंग का इंतजाम किया गया है. पूरे कॉरिडोर में करीब 400 रिचार्ज प्‍वाइंट बनाए गए हैं. इस कॉरिडोर पर एशिया का सबसे बड़ा वाइल्‍ड लाइफ कॉरिडोर भी बनाया गया है.

इस कॉरिडोर के तैयार होने के बाद न सिर्फ दिल्‍ली, यूपी वालों के लिए मसूरी, देहरादून और हरिद्वार जाना आसान हो जाएगा, बल्कि पूरे क्षेत्र को आर्थिक रूप से विकास करने में मदद मिलेगी. लॉजिस्टिक को लेकर यह कॉरिडोर काफी मददगार साबित होगा.