वैदिक संस्कृति की रक्षा में गुरूकुलों का अहम योगदान :राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय

चंडीगढ़ ,28 जून । हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार को रेवाड़ी मार्ग पर स्थित झज्जर गुरुकुल महाविद्यालय का दौरा करते हुए पुरातत्व संग्रहालय का अवलोकन किया। इस अवसर पर डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने माननीय राज्यपाल का स्वागत करते हुए गुरुकुल के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस बीच राज्यपाल ने गुरूकुल परिसर में पौधारोपण करते हुए पर्यावरण के प्रति जागरूक किया।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि प्राचीन गुरुकुल की शिक्षा हमें अच्छे संस्कारों की ओर अग्रसर करती है,यही कारण है कि देश में गुरुकुलों का महत्व पहले की अपेक्षा बढ़ा है। हमें समाज सेवा की भावना गुरूकुलों से ही मिलती है। वैदिक संस्कृति की रक्षा के लिए गुरूकुलों का अहम योगदान है। गुरूकुलों ने देश की प्रगति में अपनी अहम भागीदारी की है। भारतीय संस्कृति में गुरूकुलों के माध्यम से आर्य समाज का प्रचार-प्रसार, गौ सेवा और युवाओं में ब्रह्चर्य की भावना को बल देते हुए चरित्रवान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता रहा है।
माननीय राज्यपाल ने कहा कि स्वामी ओमानंद ने अपने जीवन पर्यंत झज्जर गुरुकुल को नई दिशा देने काम किया ,जिनसे युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। साथ ही स्कूल और कॉलेजों के विद्यार्थियों को भी इस संग्रहालय का लाभ उठाना चाहिए, जिससे उन्हें प्राचीन इतिहास की जानकारी मिलेगी। यह संग्रहालय अपने आप में अनूठा है इसकी जानकारी देश भर में होनी चाएिह। उन्होंने कहा कि स्वामी ओमानंद जी ने प्राचीन ऐतिहासिक कलाकृतियों जैसे दुर्लभ सिक्के, टेराकोटा, प्राचीन मूर्तियों, पांडुलिपियों आदि को एकत्रित करने के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। इस संग्रहालय से वर्तमान और भावी पीढिय़ों के लिए अपनी विरासत को प्रदर्शित करने का बेहतरीन प्लेटफार्म मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में आर्य समाज के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता,जिस समय स्वामी दयानंद ने आर्य समाज की शुरुआत की थी,उस समय अंधविश्वास का बोलबाला था,जिसमें सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए स्वामी जी ने देश को नई दिशा देने का काम किया। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हमारे संस्कार और अंग्रेजी संस्कारों में काफी अंतर है,देश में संस्कार आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार सार्थक कदम बढ़ा रही है,दुनियाभर में केवल संस्कृत भाषा ही संपूर्ण भाषा है। सभी गुरुकु ल मिलकर आपसी समन्वय स्थापित करते हुए गुरूकुलों के विकास में महती भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि गौ रक्षा और योग के प्रचार -प्रसार में गुरूकुलों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। युवाओं के चरित्र निर्माण में भी गुरुकुल अपना सराहनीय भूमिका निभा रहे हैं। गुरूकुल पुरातत्व संग्रहालय देश व प्रदेश के लिए गौरव का स्थान राज्यपाल ने कहा कि गुरुकुल झज्जर पुरातत्व संग्रहालय प्रदेश के लिए गौरव का स्थान है। यह हरियाणा का सबसे बड़ा संग्रहालय है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से प्राचीन वस्तुओं को एकत्र करने में स्वामी ओमानंद सरस्वती की प्रतिबद्धता और प्रयासों से यह संग्रहालय 1959 में अस्तित्व में आया था। आज संग्रहालय में दुर्लभ सिक्कों, मूर्तियां, पांडुलिपियां आदि का अनूठा और अतुलनीय संग्रह है। सरकार ने इस राष्ट्रीय धरोहर को भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित करने और इस अद्वितीय विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक अच्छी पहल की है। उन्होंने गुरुकुल के आचार्य विजयपाल द्वारा रखी गई मांगों को सरकार और प्रशासन के सहयोग से पूरा कराने का आश्वासन दिया।

-दिव्यांग बच्चों ने जब …यह देश है वीर जवानों का गीत पर दी नृत्य की शानदार प्रस्तुति
सर्वप्रथम माननीय राज्यपाल बुधवार को शहर के आर्य नगर स्थित सवेरा स्कूल पहुंचे और स्कूल परिसर का जायजा लिया। स्कूल परिसर में जिला प्रशासन की तरफ से डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ,हरियाणा बाल कल्याण परिषद की मानद महासचिव रंजीता मेहता, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ राकेश कुमार,पूर्व मंत्री कांता देवी, डॉ जयभगवान शर्मा प्रथम प्राचार्य एवं पूर्व डीईओ, नगर परिषद के अध्यक्ष जिले सिंह सैनी, मंडल अध्यक्ष केशव सिंघल,स्कूल प्राचार्य लवकेश कुमार ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का स्वागत किया। इस अवसर पर सवेरा स्कूल के कुशल संचालन पर राज्यपाल ने जिला प्रशासन के अधिकारियों औऱ समाज सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को बधाई देते हुए भविष्य में स्कूल के हर समय सहयोग के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चे समाज का अभिन्न अंग हैं, हमें ऐसे बच्चों को शिक्षा देकर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाना है, ऐसे बच्चे समाज के लिए अभिशाप ना होकर हम सबके लिए एक नया चेलेंज है, जिसे शिक्षित करते हुए एक अच्छा नागरिक बनाना है। उन्होंने दिव्यांग बच्चों को पुरस्कृत करते हुए जीवन में आगे बढ़ने का आशीर्वाद दिया।
कार्यक्रम में इन गणमान्य व्यक्तियों की रही उपस्थिति
इस अवसर पर गुरुकुल संस्थान से राजबीर छिकारा,उमेद आर्य,राजेंद्र मलिक,डॉ राजपाल, विरजानंद दैवकर्णी सहित गुरुकुल झज्जर के अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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