प्रो. उन्नत पंडित ने नर्चरिंग इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एंड इनोवेशन फॉर न्यू इंडिया विषय पर दिया व्याख्यान

एसजीटी टाइम्स रिपोर्टर

गुरुग्राम, 28 मार्च

गुरुग्राम: प्रो. उन्नत पी पंडित, महानियंत्रक, पेटेंट, डिजाइन और भारत सरकार) ने सोमवार को कहा कि दुनिया भर में दायर किए गए 97 प्रतिशत पेटेंट अंततः उस स्तर तक नहीं पहुंचते हैं जहां वे समाज के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

श्री गुरु गोबिंद सिंह त्रिशताब्दी विश्वविद्यालय में 28 मार्च को “नए भारत के लिए बौद्धिक संपदा और नवाचारों का पोषण” विषय पर एक अतिथि व्याख्यान देते हुए, प्रो. पंडित ने कहा कि यदि शोध का लाभ समाज तक ना पहुंचे तो शोध पर उपयोग किए गए संसाधनों की सरासर बर्बादी होती है।

आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि दायर किए गए लगभग 97 प्रतिशत पेटेंट अंतिम उपयोगकर्ताओं को लाभान्वित करने में विफल होते हैं जिनके सामान्य कारण पेटेंट दाखिल में देरी, समय सीमा का उल्लंघन एवं पेटेंट हेतु गलत देशों का चुनाव है।

एक बौद्धिक संपदा के निर्माण की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए, प्रो पंडित ने कहा कि यह अभियान एक समस्या की पहचान, उसका समाधान खोजने, अनुसंधान को प्राथमिकता देने और अंत में विचार के साथ शुरू होता है।
ज्ञान की गतिशीलता को बाजार की मानसिकता बताते हुए, प्रो. पंडित ने बताया किस प्रकार से एक विचार के माध्यम से समाधान तैयार कर इसे व्यवसायिक रूप में उतारा जा सकता है।

अतिथि वक्ता ने नदितरंगिणी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग (एआई और एमएल) संचालित आयुर्वेद उपकरण प्रदर्शित किया, यह भारत में किए गए कुछ ऐसे पेटेंट जिसे दुनिया भर में प्रशंसा मिल रही है।

उन्होंने सुरक्षित जल के लिए टैराल्टेक रिएक्टर का भी प्रदर्शन किया, जिसकी कीमत 6 से 8 हजार रुपये है और जिसकी वैधता 25 साल है।
टैराल्टेक रिएक्टर पीने योग्य पानी को छानने का एक किफ़ायती तरीका है।प्रो पंडित द्वारा प्रदर्शित एक और महत्वपूर्ण पेटेंट एक्सियोस्टेट चिटोसन हेमोस्टैटिक ड्रेसिंग था , जो 20 सेकंड में रक्तस्राव को रोक सकता है और जीवन बचा सकता है, उन्होंने कहा कि यह उत्पाद भारतीय रक्षा बलों और ट्रॉमा सेंटरों को दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने आईपीआर, पेटेंट और कॉपीराइट से संबंधित कई प्रश्न पूछे गए जिनके उत्तर अतिथि वक्ता द्वारा विस्तृत रूप से दिए गए।

कार्यक्रम के दौरान एसजीटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओ.पी. कालरा ने विश्वविद्यालय परिसर में प्रो. पंडित का स्वागत किया।
इस मौके पर प्रो. रजनीश वाधवा, डीन,एक्सटर्नल अफेयर्स एस डायरेक्टर आउटरीच ऑफ यूनिवर्सिटी समेत विभिन्न संकाय के डीन, संकाय सदस्य एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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