Ekranoplan: प्लेन या जहाज… रूस ने बनाया था ‘समंदर का शैतान’, जिसे देख दुनिया थी हैरान

Report by Harsh Tripathi

रूस हमेशा से अपने बड़े हथियारों से दुनिया को चौंकाता आया है. 1987 में उसने ऐसा विमान बनाया जो पानी पर चलता था. मिसाइलें दागता था. युद्धपोत की तरह काम करता था. इसकी स्पीड में समंदर के हिसाब से बहुत ज्यादा थी. जानिए सोवियत संघ के समय बने इस अजूबा जंगी विमान की कहानी.

सोवियत संघ (अब रूस) ने कई अजूबे बनाए हैं. ऐसा ही एक जंगी विमान था एकरानोप्लेन (Ekranoplan). ये एक ग्राउंड इफेक्ट व्हीकल था. यानी ऐसा यान जो जमीन या पानी के ऊपर थोड़ा ऊपर उठकर चले. इसमें विमान और पानी के जहाज जैसी खासियत थी. सबसे बड़ा एकरानोप्लेन 1987 में बनाया गया था.

 

रूस ने 1987 में लुन क्लास का सबसे बड़ा एकरानोप्लेन बनाया. फिलहाल इस विमान का निर्माण बंद कर दिया गया है. रूस के दागेस्तान के तट के पास इसे छोड़ दिया गया है, ताकि ये खराब होता चला जाए. ऐसा दो विमान बनाने की योजना थी लेकिन एक ही बनाया गया था. उसके ट्रायल्स भी हुए. तैनाती भी हुई. पर चला नहीं पाएकरानोप्लेन एक हमलावर और परिवहन ग्राउंड इफेक्ट व्हीकल था।

242.2 फीट लंबे और 63 फीट ऊंचे इस विमान का विंगस्पैन 144.4 फीट था। इसमें 8 इंजन लगे थे। चार एक तरफ के विंग पर और चार दूसरे तरफ के विंग पर। पानी के ऊपर इसकी अधिकतम गति 550 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। जो उस समय के हिसाब से बहुत ज्यादा थी।

इस जहाज को कैस्पियन सी मॉन्सटर (Caspian Sea Monster) के नाम से भी बुलाते थे।यहां तक कि आज भी पानी के चलने वाला कोई भी जहाज या इस तरह के यान इतनी तेज नहीं चलता । 1900 किलोमीटर की रेंज तक यह ऑपरेशन कर सकता था । 100 टन वजन उठाने की क्षमता थी । इसमें 6 अधिकारी और 9 नौसैनिक बैठ सकते थे ।

 

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