एसजीटी विश्वविद्यालय ने किया डिफेंस जर्नलिज्म पर कार्यशाला का आयोजन

एसजीटी विश्वविद्यालय द्वारा अपने पत्रकारिता एवं जनसंचार के विद्यार्थियों के लिए डिफेंस जर्नलिज्म पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। फैकल्टी ऑफ मास कम्युनिकेशन एंड मीडिया टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में प्रमुख डिफेंस पत्रकार एनसी बिपिन्द्र ने छात्र-छात्राओं को डिफेंस जर्नलिज्म की बारीकियां सिखाई तथा उनसे डिफेंस विषय पर समाचार भी तैयार करवाए।

एनसी बिपिन्द्र जो कि देश के प्रमुख अंग्रेजी समाचार पत्रों में डिफेंस जर्नलिस्ट रह चुके हैं तथा अभी स्वयं की मैगजीन ‘डिफेंस कैपिटल’ का प्रकाशन करते हैं, ने बताया कि आमतौर पर वॉर और डिफेंस को एक ही मान लिया जाता है जबकि यह सच नहीं है। उन्होंने बताया कि एक डिफेंस जनरलिस्ट को सेना में पैरा मिलिट्री फोर्सेज की संरचना व कार्य प्रणाली के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। उन्हें सेना के अधिकारियों के रैंक और वर्दी पर लगाए जाने वाले बैज के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। एनसी बिपिन्द्र ने भारत की सेनाओं के पास मौजूद सभी तरह के हथियार, टैंक, लड़ाकू विमान व युद्धकोतरों के बारे में पूरी जानकारी दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं को रक्षा संबंधी प्रेस नोट देकर उनसे समाचार तैयार करवाए।

इससे पूर्व श्री बिपिन्द्र का स्वागत करते हुए डीन प्रोफेसर सुशील मानव ने कहा कि डिफेंस जर्नलिज्म एक विशेष किस्म की पत्रकारिता है तथा देश में इस विधा के कुछ गिने-चुने पत्रकार ही मौजूद है उन्होंने एनसी बिपिन्द्र को देश के प्रमुख डिफेंस पत्रकारों में से एक बताया, उन्होंने कहा कि सैन्य अधिकारियों की जीवनशैली बहुत ही आकर्षक होती है इसलिए उनके बीच रहकर पत्रकारिता करने का अलग ही मजा है।

अंत में एनसी बिपिन्द्र का धन्यवाद करते हुए प्रोफेसर शशि कुमार पांडे ने कहा कि विश्वविद्यालय समय-समय पर पत्रकारिता के छात्रों के फायदे के लिए प्रमुख पत्रकारों के व्याख्यान और कार्यशाला का आयोजन करवाता है।

इस अवसर पर बीजेएमसी की फाइनल ईयर की छात्रा भावना को रेडियो बुलेटिन असाइनमेंट में प्रथम आने पर पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर प्रोफेसर क्रांति आनंद, डॉक्टर सारिका ताखर, प्रोफेसर विशंभर बोस, डॉ तेजी ईशा, डॉ यश वत्स, प्रोफेसर तुषार गुलिया आदि मौजूद रहे

 

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