महिलाओं के उत्थान और आत्मनिर्भरता के लिए एसजीटी यूनिवर्सिटी ने कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का आयोजन किया

महिलाओं के उत्थान और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एसजीटी यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का आज समापन हुआ। यह कार्यक्रम यूनिवर्सिटी के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर द्वारा किया गया था। इस कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के आस पास के गावों की लगभग 50 से भी अधिक ग्रामीण महिलाओं ने भाग लिया। इस दौरान झज्जर से आई हुई ट्रैनर गौतमी कटारिया ने सभी महिलाओं को शीशे की सजवाट, कैरी बैग और झूमर जैसी वस्तुएं जो घर की सजावट के लिए इस्तेमाल में आती हैं, को बनाना सिखाया। एक दिन में महिलाओं को 10 घंटे तक ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें वो यूनिवर्सिटी में ही नहीं बल्कि घर जाने के बाद भी ये काम सीखती हैं। कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए ऋषि शर्मा ने बताया कि एसीआईसी-एसजीटीयू द्वारा यह पहल की गई है कि अधिक से अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए ताकि महिलाएं एक बेहतर जीवनयापन कर सकें। उन्होंने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम एसीआईसी-एसजीटीयू समय समय पर करवाता है जिसके तहत अब तक 150 से भी अधिक महिलाओं को ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाया जा चुका है। महिलाओं को सीखने के लिए इस्तेमाल में आने वाली वस्तुएँ यूनिवर्सिटी द्वारा दी जाती हैं। स्टूडेंट्स और कम्युनिटी डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत एसजीटी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं ग्रामीण महिलाओं के साथ मिलकर बनाई गई चीजों का विक्रय करेंगे, जिसका 70 प्रतिशत हिस्सा महिलाओं को दिया जाएगा | बकुल देव राय ने बताया कि कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का उद्देश्य एक पूरा उद्यम का पारिस्थितिकी तंत्र है, जिसमें ग्रामीण महिलायें व यूनिवर्सिटी के छात्र उधम करें और जो वो सीख रहे हैं उससे उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो सके। ट्रेनिंग लेने पहुंची पिंकी चौहान ने एसीआईसी-एसजीटीयू का इस पहल के लिए धन्यवाद किया और बताया कि आज वो पहली बार यहाँ ट्रेनिंग लेने के लिए पहुंची हैं, और बहुत ही सकारात्मक वातावरण में उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है। साथ ही हर तरह की सुविधा यूनिवर्सिटी द्वारा दी गई है चाहे यात्रा कर यूनिवर्सिटी बस से यहां पहुंचना ही क्यों ना हो।

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