दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए सख्त कदम, सम-विषम और वर्क फ्रॉम होम की तैयारी
वायु प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली सरकार का 21 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान, ड्रोन से निगरानी और थर्मल प्लांट्स पर प्रतिबंध।
दिल्ली में वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार ने इस साल 21 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की है। सर्दियों में हवा की गुणवत्ता गिरने के कारण यह एक्शन प्लान राजधानी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए अहम साबित होगा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इस बार सरकार सख्ती से इसे लागू करने जा रही है। इसमें ओड इवन योजना और वर्क फ्रॉम होम जैसे आपातकालीन उपाय भी शामिल हैं।
ओड इवन और वर्क फ्रॉम होम पर जोर
प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के साथ ही दिल्ली में ट्रैफिक से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए ओड इवन योजना पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही, दिल्ली में रहने वाले कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा, ताकि ट्रैफिक से उत्पन्न होने वाले वायु प्रदूषण को रोका जा सके। गोपाल राय ने कहा कि, “अगर सर्दियों के दौरान प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, तो ये दोनों उपाय लागू किए जाएंगे।”
ड्रोन से हॉट स्पॉट्स की निगरानी
सरकार इस बार प्रदूषण के हॉट स्पॉट्स पर विशेष नजर रखने के लिए ड्रोन का उपयोग करेगी। यह पहली बार होगा जब राजधानी में प्रदूषण के सबसे गंभीर इलाकों की निगरानी ड्रोन से की जाएगी। गोपाल राय ने बताया कि प्रदूषण की रोकथाम और बेहतर निगरानी के लिए एक 6 सदस्यीय विशेष टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है, जो इन इलाकों में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
थर्मल प्लांट्स बंद और निर्माण कार्य पर सख्ती
दिल्ली में स्थित सभी थर्मल प्लांट्स को बंद कर दिया गया है। यह फैसला शहर में कोयले से होने वाले प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है। गोपाल राय ने कहा, “दिल्ली देश का एकमात्र ऐसा शहर है जहां कोयला आधारित कोई भी थर्मल प्लांट नहीं है।” इसके अलावा, 5000 एकड़ से अधिक खेतों में बायो डीकंपोज़र का मुफ्त छिड़काव किया जाएगा ताकि पराली जलाने से उत्पन्न होने वाले धुएं को रोका जा सके। साथ ही, निर्माण स्थलों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और खुले में कचरा जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा।
एनसीआर राज्यों से अपील
दिल्ली सरकार ने पड़ोसी एनसीआर राज्यों से भी अपील की है कि वे भी प्रदूषण नियंत्रण में सहयोग करें। गोपाल राय ने कहा कि एनसीआर राज्यों को दिल्ली आने वाले वाहनों को इलेक्ट्रिक या सीएनजी में परिवर्तित करना चाहिए। इसके साथ ही ईंट भट्ठों को जिग-जैग तकनीक में बदलने और औद्योगिक इकाइयों को पीएनजी में बदलने की भी सिफारिश की गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पड़ोसी राज्यों और केंद्र सरकार को मिलकर इस प्रदूषण संकट से निपटना होगा।
दिल्ली सरकार के इन सख्त कदमों का उद्देश्य आने वाले सर्दियों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना है। ड्रोन निगरानी, ओड इवन योजना और वर्क फ्रॉम होम जैसे आपातकालीन उपायों से सरकार उम्मीद कर रही है कि प्रदूषण का स्तर कम होगा और दिल्लीवासियों को एक बेहतर पर्यावरण मिलेगा।